Tuesday 1 March 2016

Dil ki Awaaz


#RoopMantraShayari
उसने कहा हम दिन और रात जैसे हैं
कभी एक नहीं हो सकते
मैंने कहा आओ शाम को मिलते हैं।



सफरवहींतकहैजहाँतकतुमहो,
नजरवहींतकहैजहाँतकतुमहो,
हजारोंफूलदेखेहैंइसगुलशनमेंमगर,
खुशबूवहींतकहैजहाँतकतुमहो।



होठकहनहींसकतेजोफसानादिलका,
शायदनजरोंसेवोबातहोजाए।
इसउम्मीदसेकरतेहैंइंतजाररातका,
किशायदसपनोंमेंहीमुलाकातहोजाए।



बेगुनाह होकर भी गुनाह कबूल लेता हूँ,
इल्जाम तुमने लगाया है गलत कैसे कहूँ ।




तू दर्द दे तो मैं उस से भी इश्क करूँ !
एक तेरा शौक है तो एक मेरा जुनून !!




इस तरह मिली वो मुझे सालों के बाद,
जैसे हकीकत मिली हो ख्यालों के बाद।
मैं पूछता रहा उस से खतायें अपनी,
वो बहुत रोई मेरे सवालों के बाद।।




वक्त बीत जाए तो लोग भुला देते है,
बेवजह अपनो को रूला देते है।
जो दिया रात भर रोशनी देता है,
सुबह होते ही लोग उसे भी बुझा देते है।




तेरे प्यार का सिला हर हाल में देंगे,
खुदा भी मांगे ये दिल तो टाल देंगे,
अगर दिल ने कहा तुम बेवफा हो,
तो इस दिल को भी सीने से निकाल देंगे.!!














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